कक्षा 12 अर्थशास्त्र अध्याय 1: solution (समाधान)

 स्वाध्याय ( exercise )


प्रश्न 1.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए :


1. आकृति किस प्रकार के वितरण के लिए खींची जाती है ?

(A) सतत

(B) असतत

(C) विस्तार

(D) आदर्श

उत्तर :

(B) असतत


2. आलेख किस प्रकार के वितरण के लिए बनाया जाता है ?

(A) सतत

(B) असतत

(C) विस्तार

(D) आदर्श

उत्तर :

(A) सतत


3. निम्नलिखित में से कौन-सी आकृति समान जानकारी के लिए बनाई जाती है ?

(A) सरल स्तंभाकृति और वृत्तांश आकृति

(B) विभाजित स्तंभाकृति और वृत्तांश आकृति

(C) पास-पास की स्तंभाकृति और सामायिक श्रेणी का आलेख

(D) वृत्तांश आकृति और सामयिक श्रेणी का आलेख

उत्तर :

(A) सरल स्तंभाकृति और वृत्तांश आकृति


4. वर्तमान के समय में इन्टरनेट के लिए कौन-सा विधान सही है ?

(A) अध्ययन हेतु एक साधन है ।

(B) अध्ययन हेतु शिक्षक का कार्य करता है ।

(C) स्कूल की संपूर्ण स्थापन्न में आनेवाली संस्था है ।

(D) युवानों के लिए मनोरंजन का साधन है ।

उत्तर :

(A) अध्ययन हेतु एक साधन है ।


5. आर्थिक जानकारी से संबंधित डेटा C.D. कौन तैयार करता है ?

(A) निजी प्रकाशक

(B) विद्यालय

(C) प्रयोगशालाएँ, संशोधन केन्द्र, सरकार

(D) सामान्य व्यक्ति

उत्तर :

(C) प्रयोगशालाएँ, संशोधन केन्द्र, सरकार


6. स्वयं स्पष्ट जानकारी के लिए उपयोगी है ……………………..

(A) आकृति

(B) आलेख

(C) चित्र

(D) सांख्यकीय

उत्तर :

(A) आकृति


7. आलेख में दर्शायी गयी जानकारी ……

(A) स्पष्ट नहीं होती है ।

(B) स्वयं स्पष्ट होती है ।

(C) असतत माहिती होती है ।

(D) दुविधा होती है ।

उत्तर :

(A) स्पष्ट नहीं होती है ।


8. आलेख बनाने और समझने के लिए किसका ज्ञान जरूरी है ?

(A) भौतिकशास्त्र

(B) रसायनशास्त्र

(C) सांख्यिकी 

(D) समाजशास्त्र

उत्तर :

(C) सांख्यिकी 


9. समग्रलक्षी परिबलों में होनेवाले परिवर्तन के लिए कौन-सा आलेख उपयोगी है ?

(A) पास-पास की स्तंभाकृति

(B) वृत्तांश आकृति

(C) सादा स्तंभाकृति

(D) सामयिक श्रेणी

उत्तर :

(D) सामयिक श्रेणी


10. चित्र का उचित कद निश्चित करने के लिए …………………………………

(A) स्केलमाप लेना चाहिए ।

(B) कद निश्चित करना चाहिए ।

(C) समझना चाहिए ।

(D) ज्ञान प्राप्त करना चाहिए ।

उत्तर :

(A) स्केलमाप लेना चाहिए ।


प्रश्न 2.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए ।


प्रश्न 1.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए :


1. आकृति किस प्रकार के वितरण के लिए खींची जाती है ?

(A) सतत

(B) असतत

(C) विस्तार

(D) आदर्श

उत्तर :

(B) असतत


2. आलेख किस प्रकार के वितरण के लिए बनाया जाता है ?

(A) सतत

(B) असतत

(C) विस्तार

(D) आदर्श

उत्तर :

(A) सतत


3. निम्नलिखित में से कौन-सी आकृति समान जानकारी के लिए बनाई जाती है ?

(A) सरल स्तंभाकृति और वृत्तांश आकृति

(B) विभाजित स्तंभाकृति और वृत्तांश आकृति

(C) पास-पास की स्तंभाकृति और सामायिक श्रेणी का आलेख

(D) वृत्तांश आकृति और सामयिक श्रेणी का आलेख

उत्तर :

(A) सरल स्तंभाकृति और वृत्तांश आकृति


4. वर्तमान के समय में इन्टरनेट के लिए कौन-सा विधान सही है ?

(A) अध्ययन हेतु एक साधन है ।

(B) अध्ययन हेतु शिक्षक का कार्य करता है ।

(C) स्कूल की संपूर्ण स्थापन्न में आनेवाली संस्था है ।

(D) युवानों के लिए मनोरंजन का साधन है ।

उत्तर :

(A) अध्ययन हेतु एक साधन है ।


5. आर्थिक जानकारी से संबंधित डेटा C.D. कौन तैयार करता है ?

(A) निजी प्रकाशक

(B) विद्यालय

(C) प्रयोगशालाएँ, संशोधन केन्द्र, सरकार

(D) सामान्य व्यक्ति

उत्तर :

(C) प्रयोगशालाएँ, संशोधन केन्द्र, सरकार


(A) आकृति

(B) आलेख

(C) चित्र

(D) सांख्यकीय

उत्तर :

(A) आकृति


7. आलेख में दर्शायी गयी जानकारी ………………………..

(A) स्पष्ट नहीं होती है ।

(B) स्वयं स्पष्ट होती है ।

(C) असतत माहिती होती है ।

(D) दुविधा होती है ।

उत्तर :

(A) स्पष्ट नहीं होती है ।


8. आलेख बनाने और समझने के लिए किसका ज्ञान जरूरी है ?

(A) भौतिकशास्त्र

(B) रसायनशास्त्र

(C)  सांख्यिकी

(D) समाजशास्त्र

उत्तर :

(C)  सांख्यिकी


9. समग्रलक्षी परिबलों में होनेवाले परिवर्तन के लिए कौन-सा आलेख उपयोगी है ?

(A) पास-पास की स्तंभाकृति

(B) वृत्तांश आकृति

(C) सादा स्तंभाकृति

(D) सामयिक श्रेणी

उत्तर :

(D) सामयिक श्रेणी


10. चित्र का उचित कद निश्चित करने के लिए …………………………………

(A) स्केलमाप लेना चाहिए ।

(B) कद निश्चित करना चाहिए ।

(C) समझना चाहिए ।

(D) ज्ञान प्राप्त करना चाहिए ।

उत्तर :

(A) स्केलमाप लेना चाहिए ।


प्रश्न 2.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए ।


1. आकृति अर्थात् क्या?

उत्तर: 

जब किसी जानकारी को चित्र के माध्यम से प्रस्तुत किया जाए, तो उसे आकृति कहते हैं।


2. आलेख अर्थात् क्या?

उत्तर: जब जानकारी स्वयं स्पष्ट न हो और उसे चित्र के माध्यम से प्रस्तुत किया जाए, तो उसे आलेख कहते हैं।


3. स्तंभ अर्थात् क्या?

उत्तर: जब जानकारी को स्तंभ के रूप में चित्र में दिखाया जाता है, तो उसे स्तंभ कहते हैं।


4. वृत्तांश आकृति अर्थात् क्या?

उत्तर: 

वृत्तांश का मतलब है वृत्त का एक हिस्सा। जब जानकारी को वृत्त के अलग-अलग हिस्सों में दिखाया जाता है, तो उसे वृत्तांश आकृति कहते हैं।


5. डेटा C.D. अर्थात् क्या?

उत्तर: 

विभिन्न संस्थाएँ समग्र अर्थशास्त्र की जानकारी को सांख्यिकीय रूप में संग्रहित करके C.D. (कोम्पेक्ट डिस्क) में संचित करती हैं। इसे डेटा C.D. कहते हैं।


6. किसके लिए सांख्यिकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं है?उत्तर: 

आकृति बनाने के लिए सांख्यिकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती है।


7. असतत जानकारी दर्शाने के लिए किसका उपयोग किया जाता है?

उत्तर: 

असतत जानकारी को दिखाने के लिए आकृति का उपयोग किया जाता है।


8. जब जानकारी स्वयं स्पष्ट न हो तो उसे किस चित्र में दर्शा सकते हैं?

उत्तर: 

जब जानकारी स्वयं स्पष्ट न हो, तो उसे आलेख द्वारा चित्रित किया जा सकता है।


9. आकृति स्वरूप जानकारी से क्या लाभ होता है?

उत्तर: 

आकृति स्वरूप जानकारी से आम लोगों के लिए समझना आसान हो जाता है और इससे अध्ययन को रुचिपूर्ण बनाया जा सकता है।


प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में लिखिए :


1. आकृति अर्थात् क्या और उसे किस लिए बनाया जाता है

उत्तर:

सामान्य रूप से अवलोकित जानकारी का चित्र द्वारा प्रतिनिधित्व अर्थात् आकृति। आकृति का उपयोग या महत्त्व निम्नानुसार है:

- असतत जानकारी को आकृति से समझा सकते हैं।

- सामान्य जनता को सांख्यकीय जानकारी को सरलता से समझा सकते हैं।

- आकृति द्वारा जानकारी को आकर्षकरूप से प्रस्तुत कर सकते हैं।

- आकृति से सामान्य जन में जागृति आती है।

- आकृति से हमारा अध्ययन रुचिपूर्वक बनता है।


2. आलेख अर्थात् क्या और उसे किस लिए बनाया जाता है?

उत्तर:

‘जो जानकारी स्वयं स्पष्ट न हो ऐसी जानकारी का चित्र द्वारा प्रतिनिधित्व अर्थात् आलेख।’ आलेख का उपयोग या महत्त्व निम्नानुसार है:

- सतत जानकारी को सरलता से दर्शा सकते हैं।

- स्वयं स्पष्ट जानकारी न हो तो उसे आलेख से सरलता से स्पष्ट कर सकते हैं।

- आलेख के द्वारा तुलनात्मक अध्ययन सरल बनता है।

- आलेख के द्वारा हमारा अध्ययन अधिक रूचिकर एवं आकर्षक बनता है।

- आलेख का उपयोग संशोधनकारों तथा उच्च शिक्षण में अधिक किया जाता है।


3. अर्थशास्त्र में आकृति एवं आलेख का महत्त्व बताइए।

उत्तर:

अर्थशास्त्र में दैनिक जीवन में बननेवाली विविध घटनाओं का अध्ययन किया जाता है। यह अध्ययन विश्लेषण विद्वानों द्वारा होता है, जो सामान्य प्रजा की समझ में नहीं आता। तब इस अध्ययन-विश्लेषण में आलेख और आकृति उपयोगी होते हैं।

- अर्थशास्त्र का अध्ययन आकृति द्वारा सरल बनता है।

- अर्थशास्त्र का अध्ययन आलेख द्वारा अधिक स्पष्ट बनता है।

- अर्थतंत्र में आनेवाले परिबलों के अलग-अलग वर्षों के प्रवाहों को सरलता से एक ही आकृति या आलेख में देख सकते हैं।

- अर्थतंत्र के विभिन्न क्षेत्रों में होनेवाले परिवर्तनों को सरलता से समझ सकते हैं।

- अर्थशास्त्र के अध्ययन में तुलनात्मक अध्ययन सरल बनता है।

- आलेख और आकृति से समय और शक्ति की बचत होती है।

- आलेख और आकृति द्वारा अध्ययन आकर्षक बनता है।

- आलेख और आकृति द्वारा सामान्य प्रजा को अर्थशास्त्र के कठिन और अटपटे सिद्धांतों को सरलता से समझा सकते हैं।


4. अध्ययन करने में कम्प्यूटर किस प्रकार उपयोगी होता है?

उत्तर:

अध्ययन करने में कम्प्यूटर का उपयोग निम्नानुसार है:

- प्रेजन्टेशन बनाने और तैयार करने के लिए कम्प्यूटर का उपयोग किया जा सकता है।

- एक्सल वर्कशीट के द्वारा बड़े पैमाने पर सांख्यकीय जानकारी को प्रस्तुत कर सकते हैं।

- आलेख और आकृति बनाने के लिए कम्प्यूटर अधिक उपयोगी है।

- जानकारी के संग्रह के लिए कम्प्यूटर उपयोगी है।

- सांख्यिकी के एडवान्स प्रोग्रामों के लिए गणना करता है।


5. डेटा C.D. पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर:

C.D. अर्थात् कोम्पेक्ट डिस्क। यह एक इलेक्ट्रोनिक प्रणाली है जिसमें कम्प्यूटर के प्रोग्रामों को संग्रहित करके दूसरे कम्प्यूटर में ले जाकर देखा जा सकता है। संशोधक और विद्यार्थी इसका उपयोग अपने संशोधन और अध्ययन के लिए करते हैं। अनेक संस्थाएँ सांख्यकीय जानकारी की रिपोर्ट तैयार करती हैं और C.D. में संग्रहित जानकारी को बेचती हैं। जैसे राष्ट्रीय आय, जनगणना, उद्योगों के सर्वे आदि की C.D. उपलब्ध हैं।


6. आकृति के प्रकार बताइए।

उत्तर:

आकृति के प्रकार निम्नानुसार हैं:

- चित्राकृति (Pictogram)

- फुटकर बिंदुओं को दर्शानेवाले आकृति (Scatter diagram)

- समय आधारित अथवा अन्य परिबल आधारित रेखा आकृति (Line diagram)

- वृत्त आकृति (Circle diagram)

- स्तंभ आकृति (Bar diagram)

- वृत्तांश आकृति (Pie diagram)


7. समय आधारित रेखा आकृति पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर:

समय के संदर्भ में जब किसी एक चल के स्वयं स्पष्ट प्रवाह दर्शानेवाली आकृति का अर्थशास्त्र में बार-बार उपयोग किया जाता है। जैसे – विविध वर्षों की जनसंख्या, मुद्रास्फीति की दर, साक्षरता आदि दर्शायी जाती हैं। इन सभी जानकारी को दर्शाने के लिए समय आधारित रेखा आकृति का उपयोग किया जाता है जिससे हमारा अध्ययन सरल और रसपूर्वक बन जाता है।


8. वृत्तांश आकृति बनाते समय कौन-कौन सी बातें ध्यान में रखनी चाहिए?

उत्तर:

वृत्त का कुल क्षेत्रफल 360° होता है।

- जानकारी का प्रतिशत स्वरूप ज्ञात किया जाता है।

- जानकारी के आधार पर उपविभागों का वृत्तांश ज्ञात किया जाता है।

- वृत्तांश ज्ञात करने के लिए GSEB Solutions Class 12 Economics Chapter 1 का उपयोग करते हैं।

- इन उपविभागों का कुल योग 360° होता है।

- अलग-अलग समय या प्रदेश के आधार पर तुलना करने के लिए अलग-अलग वृत्तों का उपयोग किया जाता है।

- अलग वृत्तांशों के लिए अलग-अलग रंग या शेड का उपयोग करना चाहिए।


9. आलेख के प्रकार बताइए।

उत्तर:

आलेख के निम्नलिखित प्रकार हैं:

- सामायिक श्रेणी के व्यवहार दर्शानेवाले आलेख।

- सतत आवृत्ति-वितरण रखनेवाले आलेख:

  - स्तंभालेख

  - आवृत्ति बहुकोण

  - आवृत्ति वक्र

  - संचयी आवृत्ति बहुकोण

- लघुगुणक (लॉग) आधारित आलेख।


10. अर्थशास्त्र के अध्ययन में टेक्नोलोजी का उपयोग बताइए।

उत्तर:

अर्थशास्त्र जीवन जीने के लिए कला और विज्ञान का शास्त्र है। मानव जीवन में हर समय परिवर्तन होते रहते हैं इसलिए सामान्य प्रजा एवं विशेषज्ञों को खुद को नये-नये परिवर्तनों से परिचित रखना पड़ता है। इसके लिए टेक्नोलोजी बहुत उपयोगी सिद्ध हुई है।


11. कम्प्यूटर टेक्नोलोजी के उपयोग की मर्यादाएँ बताइए। अथवा इन्टरनेट के उपयोग के भयस्थान बताइए।

उत्तर:

कम्प्यूटर टेक्नोलोजी एक साधन या यंत्र है। यह कोई अध्ययन सामग्री नहीं है। यह अध्ययन को सरल बनाता है परंतु उसका उपयोग ज्ञान या अध्ययन के स्थान पर नहीं हो सकता है। इसके लिए कम्प्यूटर का ज्ञान होना चाहिए, नहीं तो गलत आकृतियाँ, आलेख, औसत और निष्कर्ष प्राप्त हो सकते हैं। कम्प्यूटर में संग्रहित जानकारी का डिलीट होने का भी भय होता है। इस प्रकार कम्प्यूटर उपयोगी होते हुए भी कुछ मर्यादाएँ हैं।


---


प्रश्न 4: निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्देसर लिखिए:


1. आकृति एवं आलेख बनाते समय ध्यान में रखने योग्य बातें समझाइए।

उत्तर:

आकृति एवं आलेख बनाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

- आकृति और आलेख का चयन: आलेख और आकृति को अधिक आकर्षक और प्रभावशाली बनाने के लिए उचित चुनाव होना चाहिए।

- स्पष्टता: आलेख और आकृति की प्रस्तुति स्पष्ट और स्वच्छ होनी चाहिए। विभाजनों को अलग-अलग रंग या शेड से दर्शाना चाहिए।

- उचित स्केलमाप: प्रस्तुत जानकारी को आलेख या आकृति बनाते समय उचित स्केलमाप लेना चाहिए।

- आकृति या आलेख के दोनों अक्षों पर जानकारी दर्शाना: आकृति या आलेख बनाते समय सर्वप्रथम X-अक्ष पर स्वतंत्र चल और Y-अक्ष पर परतंत्र चल स्पष्ट रूप से दर्शाना चाहिए।

- सांख्यकीय जानकारी का स्रोत: आलेख और आकृति में दर्शाई गई सांख्यकीय जानकारी का स्रोत भी स्पष्ट करना चाहिए।

- सांख्यकीय जानकारी की गणना की पद्धति: यदि जानकारी स्वयं स्पष्ट न हो और उसे सांख्यिकी की मदद से स्पष्ट किया गया हो तो गणना की पद्धति को संक्षिप्त में स्पष्ट करना चाहिए।


2. स्तंभ आकृति बनाते समय ध्यान में रखने योग्य बातें बताइए।

उत्तर:

स्तंभ आकृति बनाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

- सबसे पहले X-अक्ष और Y-अक्ष की रचना करें।

- X-अक्ष पर स्वतंत्र चल और Y-अक्ष पर परतंत्र चल स्पष्ट रूप से दर्शाएँ।

- Y-अक्ष पर दर्शाई गई जानकारी का उचित और निश्चित स्केलमाप लें।

- प्रत्येक स्तंभ की चौड़ाई समान होनी चाहिए।

- स्तंभों के बीच का अंतर समान होना चाहिए।

- X-अक्ष पर स्तंभ बनाएँ और इसे आधार के रूप में उपयोग करें।

- प्रत्येक ऊर्ध्व स्तंभ जानकारी के क्रम में दर्शाएँ।


3. आलेख और आकृति के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:

- आकृति: सामान्य रूप से अवलोकित जानकारी का चित्र द्वारा प्रतिनिधित्व।

  - जानकारी स्वयं स्पष्ट होती है।

  - असतत जानकारी होती है।

  - सांख्यिकी का गहरे ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती।

  - सामान्य व्यक्ति भी समझ सकता है।


- आलेख: जो जानकारी स्वयं स्पष्ट न हो ऐसी अवलोकित जानकारी का चित्र द्वारा प्रतिनिधित्व।

  - जानकारी स्वयं स्पष्ट नहीं होती है।

  - सतत जानकारी होती है।

  - सांख्यिकी साधनों का उपयोग करना पड़ता

प्रश्न  5.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए :


1. आकृति के प्रकारों को समझाइए ।

उत्तर :

आकृति के मुख्य छः प्रकार हैं :


चित्राकृति

छुटपुट बिन्दुओंवाली अथवा विकीर्ण आकृति

समय आधारित अथवा तत्त्वों पर आधारित रेखाकृति

वृत्त आकृति

स्तंभ आकृति

वृत्तांश आकृति

टिप्पणी : इनमें से चित्राकृति, छुटपुट बिन्दुओंवाली अथवा विकीर्ण आकृति तथा वृत्त आकृति पर हमारे अभ्यासक्रम में नहीं है । इसलिए शेष तीन आकृतियों की चर्चा करेंगे ।


(1) समय आधारित अथवा अन्य तत्त्वों पर आधारित रेखाकृति : सामान्य रुप से दो चलों के बीच की संबंध की रेखा और उसके ढाल को दर्शानवाली आकृति को रेखाकृति कहते हैं । जैसे – माँगरेखा, पूर्तिरेखा आदि । इसे सामयिक श्रेणी भी कहते हैं । x- अक्ष पर स्वतंत्र चल और y- अक्ष पर परतंत्र चल दर्शाये जाते है इसका खूब अधिक उपयोग होता हो । जैसे – विविध वर्षों में जनसंख्या, मुद्रास्फिति की दर, साक्षरता आदि को दर्शाने के लिए रेखाकृति या सामयिक श्रेणी का उपयोग करते है ।


(2) स्तंभ आकृति : यह किसी एक चल के मूल्य को विविध विभागों के बीच का वितरण दर्शाता है । जैसे – अलग- अलग समय पर देश में साक्षरता का अनुपात, स्त्री-पुरुष का प्रमाण आदि ।


जब आकृति ऊर्ध्व या क्षैतिज स्तंभ द्वारा दर्शायी जाए तो उसे स्तंभ आकृति कहते हैं ।

इसमें प्रत्येक विभाग या समय के लिए अलग-अलग स्तंभ बनाया जाता है । स्तंभ की ऊँचाई चल के मूल्य को दर्शाती है तथा इसके आधार पर विविध चलों की तुलना हो सकती है । इसके तीन प्रकार हैं :

(i) सरल स्तंभ आकृति

(ii) पास-पास की स्तंभाकृति

(iii) विभाजित स्तंभाकृति


(i) सरल स्तंभाकृति :

एक ही प्रकार की जानकारी को दर्शाने के लिए सादा या सरल स्तंभाकृति का उपयोग करते है ।

जैसे – एक ही आधार, प्रदेश, समय इत्यादि पर किसी मूल्य को दर्शाते है ।


(ii) पास-पास की स्तंभाकृति : जब किसी एक आधार पर एक से अधिक वर्गों के लिए मूल्य को दर्शाया जाए तो उसे पास

पास की स्तंभाकृति कहते हैं । इसमें अलग-अलग वर्गों के लिए अलग-अलग स्तंभ बनाए जाते हैं । जैसे – एक समय में स्त्री-पुरुष की साक्षरता ।



(iii) विभाजित स्तंभाकृति : जब स्तंभाकृति के प्रत्येक स्तंभ का मूल्य एक से अधिक उपविभागों में वितरण किया जाय तब विभाजित स्तंभ आकृति बनती है । इन उपविभागों को अलग-अलग रंग और रोड़ से दर्शाते है ।


स्तंभ आकृति बनाते समय ध्यान में रखनेवाली बातें ।


स्तंभाकृति बनाते समय निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए ।

सर्वप्रथम x-अक्ष और y-अक्ष की रचना करेंगे ।

x-अक्ष पर समय, स्थान, वर्ष, क्षेत्र अर्थात् स्वतंत्र चल और y-अक्ष पर जन्मदर, मृत्युदर, गरीबी, बेकारी अर्थात् परतंत्र चल दर्शाते हैं ।

प्रत्येक स्तंभ की चौड़ाई समान होनी चाहिए ।

क्योंकि स्तंभ की चौड़ाई कोई शून्य नहीं दर्शाती है ।

प्रत्येक स्तंभ की ऊँचाई स्तंभ के लिए चल के मूल्य के अनुरूप होनी चाहिए ।

उद्गम बिन्दु (x-अक्ष) एवं प्रथम स्तंभ के बीच का अंतर जितना हो उतना ही अंतर प्रत्येक स्तंभों के बीच होना चाहिए ।

प्रत्येक x स्तंभ x-अक्ष पर खींचा जाता है । कभी-कभी y-अक्ष पर क्षैतिज स्तंभ भी खींच सकते है ।

प्रत्येक ऊर्ध्व स्तंभ दी गई जानकारी के क्रम में बनाया जाता है । इस प्रकार प्रथम जानकारी के लिए स्तंभ उद्गम बिन्दु की शुरूआत में बनाया जाता है ।

(3) वृत्तांश आकृति : वृत्तांश अर्थात् वृत्त का अंश । एक वृत्त को एक समष्टि मान लिया जाये और जानकारी को वृत्त में भाग करके दर्शाया जाए तो उसे वृत्तांश आकृति कहते हैं ।


वृत्त का क्षेत्रफल 360° अंश होने से चल के कुल मूल्य का = 360 लेकर जानकारी के अनुसार प्रमाण के आधार पर वृत्तांश खींचकर उस मूल्यों को दर्शाया जाता है ।

GSEB Solutions Class 12 Economics Chapter 1 अर्थशास्त्र में आलेख्न 3


वृत्तांश आकृति बनाते समय ध्यान में रखनेवाली बातें :


वृत्तांश आकृति में कुल जानकारी = 360° ली जाती है ।

जानकारी के प्रत्येक संबंध विभाग के मूल्य के आधार पर उसका वृत्तांश ज्ञात किया जाता है और उसके संबंधित विभागों के वृत्तांश का योग 360° होना चाहिए ।

दो समयावधि या प्रदेशों की तुलना के लिए कुल मूल्य के आधार पर वृत्त बनाकर दो वृत्तांश आकृति क्रम में अगल-बगल में बनाना चाहिए ।


2. अर्थशास्त्र के अध्ययन में टेकनोलॉजी के उपयोग को संक्षिप्त में समझाइए ।

उत्तर :

अर्थशास्त्र के अध्ययन में Tech. के विविध साधनो का योगदान महत्त्वपूर्ण हो, जो निम्नानुसार है :


(A) कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी : अर्थशास्त्र का विद्यार्थी कम्प्यूटर से अपरिचित नहीं है । स्कूल, घर में वो कम्प्यूटर का उपयोग करता

है । अब तो मोबाईल फोन भी कम्प्यूटर का काम करने लगा है । अर्थशास्त्र में कम्प्यूटर का उपयोग निम्नानुसार है :


(1) विषय के प्रेजेन्टेशन के लिए : अर्थशास्त्र के सिद्धांतो या अटपटी  सांख्यिकीय जानकारी को पावरपोईंट प्रेजेन्टेशन द्वारा खूब सरलता से समझा सकते हैं । जैसे कि अंदाजपत्र को समझाने के लिए अंदाजपत्र का अर्थ, अंदाजपत्र के विभागों और अंदाजपत्र की अलग-अलग तीन स्लाईड बनाकर अंदाजपत्र के प्रकरण को सरलता से समझा सकते है ।


(2) विषय की जानकारी को एक्सेल वर्कशीट में रखने के लिए : अर्थशास्त्र के विषय में संशोधन करनेवाले विशेषज्ञ और विषय का गहरा अध्ययन करनेवाले बड़े पैमाने पर  सांख्यिकीय जानकारी का उपयोग करते है । ऐसी जानकारी कम्प्यूटर के प्रोग्राम के लिए एक्सेल शीट में रखने से जानकारी का योग, औसत, सहसंबंध आदि मिनटों में ही प्राप्त कर सकते है । एक्सेल शीट यह  सांख्यिकीय जानकारी को प्रोसेस करने के लिए एक प्रोग्राम है । इसके द्वारा सांख्यिकीय जानकारी के लिए विविध प्रकार । की आकृतियाँ भी बना सकते है ।


(3) आकृति और आलेख बनाने के लिए : कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी के कितने ही प्रोग्रामो की मदद से अर्थशास्त्र की सांख्यिकीय माहिती का उपयोग करके आकृति या आलेख्न बना सकते है । जैसे – वर्ड फाईल के उपयोग से माँग – पूर्तिरेखा जैसी सरल आकृतियाँ बना सकते है । जबकि एक्सल शीट द्वारा अर्थशास्त्र की  सांख्यिकीय माहिती के लिए आकृति – आलेख निश्चित माप के अनुसार बना सकते हैं।


(4) जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए : अर्थशास्त्र के अध्ययन और संशोधन के लिए विषय की बहुत सारी जानकारी अनिवार्य होती है । ऐसी जानकारी को नोटबुक या पुस्तक में सुरक्षित रखना कठिन होता है । परन्तु कम्प्यूटर की हार्डडिस्क यां पेनड्राईव में संग्रहति करके कहीं पर भी सरलता से ले जा सकते है । इसके उपरान्त ऐसी जानकारी ई-मेल में सुरक्षित करके दुनिया के किसी भी छोर पर पढ़ सकते हैं । और हम अपने अध्ययन के सामग्री को आजीवन सुरक्षित रख सकते है । वर्तमान समय dropbox, google, drive, digilocker इत्यादि की भी व्यवस्था उपलब्ध है ।


(5) SPSS, SHAZAM जैसे एडवांस प्रोग्रामों का उपयोग : कम्प्यूटर द्वारा ऐसे एडवांस प्रोग्रामों का उपयोग करके असंख्य जानकारी के लिए  सांख्यिकीय गणना हो सकती है ।


जो संशोधन संस्था या संशोधन करनेवाले के लिए उपयोगी बनती है । कम्प्यूटर एक साधन है । वह अध्ययन सामग्री नहीं है । परंतु अध्ययन को सरल बनाने में सहायता करता है । इसलिए उसका उपयोग ज्ञान या अध्ययन के प्रतिस्थापन में नहीं हो सकता है । कम्प्यूटर प्रोग्राम की जानकारी के बिना जानकारी पर से प्राप्त हुए परिणाम या आकृति – आलेख विषय के अध्ययन को गलत रास्ते पर ले जाते हैं ।


इन्टरनेट टेक्नोलॉजी : इन्टरनेट एक डिजिटल टेक्नोलॉजी का एक स्वरूप है । अर्थशास्त्र के अध्ययन में इन्टरनेट टेक्नोलॉजी का महत्त्वपूर्ण योगदान है जो निम्नानुसार है : ट्यूटोरियल का कार्य करता है :


इन्टरनेट की कुछ वेबसाईट पर अर्थशास्त्र की अध्ययन सामग्री अर्थशास्त्र पावरपोईन्ट प्रेजेन्टेशन आदि ओपन ऐक्सेस लिंक द्वारा पढ़ सकते है । जो विषय का Tutorial का कार्य करता है ।


3. अर्थशास्त्र के अध्ययन में टेक्नोलॉजी की मर्यादाएँ या जोखिम:


कंप्यूटर की मर्यादाएँ:

- कंप्यूटर एक साधन है जो विभिन्न जानकारी का संग्रह करता है। हालांकि, सभी जानकारी उपयोगी या अध्ययन सामग्री नहीं होती है।

- कंप्यूटर अध्ययन प्रक्रिया को सरल बनाता है, लेकिन इसे ज्ञान या अध्ययन का प्रतिस्थापन नहीं माना जा सकता है।

- कंप्यूटर प्रोग्राम की अपर्याप्त जानकारी से विषय का अध्ययन करने पर गलत परिणाम, आकृति, या आलेख बन सकते हैं, जो कठिनाइयाँ पैदा कर सकते हैं।

- जानकारी को गलत जगह पर सहेजने से डेटा हटने का डर बना रहता है।


इंटरनेट की मर्यादाएँ:

- इंटरनेट जानकारी प्राप्त करने का साधन है, लेकिन यह शिक्षक या अपनी विचारशक्ति का स्थान नहीं ले सकता।

- इंटरनेट पर बहुत सी गलत, अप्रासंगिक और नकल की गई जानकारी उपलब्ध होती है। ऐसी जानकारी का उपयोग हानिकारक हो सकता है।

- सही और गलत जानकारी को अलग करने के लिए तर्क का उपयोग करना आवश्यक है और केवल विश्वसनीय वेबसाइटों से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए, वरना गलत निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं।


CD की मर्यादाएँ:

- समग्र अर्थतंत्र और सांख्यिकीय जानकारी की रिपोर्ट तैयार करके कुछ संस्थाएँ CD में जानकारी विक्रय के लिए रखती हैं। लेकिन उपयोगी जानकारी ढूँढना कठिन होता है।

- CD की जानकारी उपयोग के लिए विभिन्न प्रकार के सॉफ़्टवेयर की आवश्यकता होती है। इन सॉफ़्टवेयर के बिना CD की जानकारी का उपयोग संभव नहीं है।


Comments

Popular posts from this blog

कर्मचारी व्यवस्था वाणिजय व्यवस्था और संचालन पाठ 5 Hindi Medium solutions

अर्थशास्त्र पाठ 10 औद्योगिक क्षेत्र समाधान Hindi Medium कक्षा 12

कक्षा 12 अर्थशास्त्र अध्याय 2 वृद्धि और विकास के निर्देशक : solution (समाधान)